bhagat singh death anniversary 23 March 1931
भगत सिंह की फांसी से जुड़ी 5 कम जानी हुई बातें भगत सिंह का जन्म *27 सितंबर, 1907 को लायलपुर ज़िले के बंगा में (अब पाकिस्तान में) हुआ था, जो अब पाकिस्तान में है। उनका पैतृक गांव खट्कड़ कलाँ है जो पंजाब, भारत में है। उनके पिता का नाम किशन सिंह और माता का नाम विद्यावती था। ... 13 अप्रैल 1919 को जलियांवाला बाग हत्याकांड ने भगत सिंह के बाल मन पर बड़ा गहरा प्रभाव डाला। 1. 23 मार्च 1931. कहते हैं 1 साल और 350 दिनों में जेल में रहने के बावजूद, भगत सिंह का वजन बढ़ गया था. खुशी के मारे. खुशी इस बात की कि अपने देश के लिए कुर्बान होने जा रहे थे. लेकिन जब इन्हें फांसी देना तय किया गया था, जेल के सारे कैदी रो रहे थे. इसी दिन भगत सिंह के साथ ही राजगुरु और सुखदेव की फांसी भी तय थी. पूरे देश में प्रदर्शन हो रहे थे. लाहौर में भारी भीड़ इकठ्ठा होने लगी थी. अंग्रेजों को इस बात का अंदेशा हो गया कि कहीं कुछ बवाल न हो जाए. इस कारण उन्हें तय दिन से एक दिन पहले ही फांसी पर लटका दिया. असल में इनकी फांसी का दिन 24 मार्च तय किया गया था. सतलुज नदी के किनारे गुप-चुप तरीके से इनके शव...